6 साल की उम्र में बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास भी बहुत जल्दी होता है। लेकिन जंक फूड के इस ज़माने में बच्चों की दिलचस्पी बाहर के खाने में अधिक रहती है यही नहीं, अनहैल्थी चीज़ें ही उन्हें अधिक पसंद आती हैं। लेकिन आप बच्चों को पौष्टिक खाना खिलाने के लिए 6 साल के बच्चे के लिए फूड चार्ट या 6 साल के बच्चे का आहार चार्ट (Indian Diet Chart for 6 year Child) बना सकती हैं।
अपने बच्चे को क्या और कैसे खिलाएं, उसे लंच में क्या दें, ऐसा क्या करें कि वो सही से खाये ? ये ऐसे कुछ सवाल हैं जो हर माता-पिता के दिमाग में होते हैं। माता-पिता का ऐसा सोचना और अपने बच्चे की फ़िक्र करना स्वभाविक भी है।
सही न खाने और पोषक तत्वों के न मिल पाने के कारण बच्चे आजकल डायबटीज़, मोटापा, कुपोषण या अन्य कई बीमारियों का शिकार बहुत जल्दी बनते जा रहे हैं।
ऐसे में अच्छे से खाना और पूरे पोषक तत्वों को ग्रहण करना उनके शरीर के अंगों जैसे दिमाग, हड्डियों, मांसपेशियों, इम्यून सिस्टम आदि के लिए बेहद आवश्यक है। यह उम्र बच्चे के लिए वो महत्वपूर्ण समय है जब बच्चे में भोजन को लेकर अच्छी आदतें आसानी से डाली जा सकती हैं और उसकी यह आदतें पूरी उम्र उसके साथ रहती हैं।
6 साल के बच्चे को स्वस्थ और चुस्त रहने के लिए अधिक मात्रा में कैलोरी चाहिए। इस उम्र के बच्चे शारीरिक गतिविधियों जैसे खेल-कूद आदि में अधिक व्यस्त रहते हैं। यही नहीं, स्कूल में भी उनकी अधिक ऊर्जा खर्च होती है। ऐसे में उसके आहार में आप ऐसे पोषक तत्वों को शामिल करें जिनसे उन्हें पर्याप्त पोषक तत्व और मिनरल प्राप्त हों।
इसके लिए आप एक फूड चार्ट बनाये और बच्चे की पसंद और अन्य चीज़ों को शामिल कर के इसे पूरा करें। नीचे इसका एक सैंपल आपको दे रहे हैं। आप अपनी इच्छा के अनुसार इसमें बदलाव कर सकती हैं। 6 साल के बच्चे का फूड चार्ट (Food Chart for Six Year Old Kids) इस प्रकार होना चाहिए।
Time Table for 6 Year Baby Food In Hindi:
सोमवार (Monday)
नाश्ता- कॉर्नफ़्लेक्स दूध के साथ
ब्रंच- कॉर्न सूप
दोपहर का खाना- चावल, दाल और दही
शाम का नाश्ता- फ्रूट सलाद
रात का खाना- पनीर परांठा
मंगलवार (Tuesday)
नाश्ता- सब्जियों वाला नमकीन दलिया और दही या दूध वाला दलिया
ब्रंच- मौसमी फल
दोपहर का खाना- मिक्स वेज परांठा और दही
शाम का नाश्ता- बॉयल्ड कॉर्न
रात का खाना- पनीर की सब्जी के साथ रोटी
बुधवार (Wednesday)
नाश्ता- स्टफ्ड परांठा और दही
ब्रंच- जूस
दोपहर का खाना- दाल, चावल और रोटी
शाम का नाश्ता- बिस्कुट के साथ दूध
रात का खाना- फ्राइड राइस
गुरुवार (Thursday)
सुबह का नाश्ता- सैंडविच और दूध
ब्रंच- मिल्कशेक या मैंगोशेक
दोपहर का खाना- फ्राइड राइस
शाम का नाश्ता- एक कटोरी उपमा या पोहा
रात का खाना- रोटी के साथ मौसमी सब्जी या दाल
शुक्रवार (Friday)
सुबह का नाश्ता- बेसन का चीला और दूध
ब्रंच- वेजिटेबल सूप
दोपहर का खाना- खिचड़ी और दही
शाम का नाश्ता- सूप
रात का खाना- रोटी और सब्जी
शनिवार (Saturday)
सुबह का नाश्ता- इडली या उत्तपम के साथ साम्भर
ब्रंच- फल
दोपहर का खाना- पुलाव के साथ दही
शाम का नाश्ता- वेजिटेबल कटलेट
रात का खाना- 1 चपाती, सब्जी और मूंग दाल
रविवार (Sunday)
सुबह का नाश्ता- ब्रेड-बटर या परांठा
ब्रंच- जेली या केक
दोपहर का खाना- पास्ता या नूडल्स
शाम का नाश्ता- सूप या कोई भी शेक
रात का खाना- वेज रोल
बच्चों के लिए अन्य फूड चार्टः
बच्चे जंक फूड और बाहर के खाने को अधिक पसंद करते हैं। लेकिन इनसे बच्चों के शरीर को बहुत अधिक नुकसान होता है। अगर आपका बच्चा भी रोज़ बाहर खाने की ज़िद करता है तो आपको उसकी इस आदत को बदलना होगा।
हाँ, कभी-कभी बाहर का खाना या जंक फूड आप अपने बच्चे को खिला सकती हैं लेकिन इसे आदत न बनाये। आप उन्हें घर पर भी उसकी पसंद का खाना जैसे नूडल्स, पास्ता ,सैंडविच ,पिज़्ज़ा आदि खुद बना कर खिला सकती हैं।
बच्चे को दिन में दो से तीन बार दूध अवश्य दें। ताकि उसके शरीर में कैल्शियम की कमी न हो और उसकी हड्डियाँ मजबूत बने। इसके साथ ही उसे घी, मक्खन, दही, पनीर आदि भी खाने को दें।
सुबह उठते ही उसे भिगोये और छिले हुए बादाम खाने को दें। हो सके तो बच्चे के दूध में चीनी की जगह शक्कर या शहद का प्रयोग करें। चीनी बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
रोज़ बच्चे को एक तरह का खाना न खाने को दें क्योंकि ऐसा करने से बच्चा बोर हो जाएगा और भोजन को लेकर उसकी राय बदल सकती हैं या हो सकता है कि ऐसा करने से वो भोजन खाने में अपनी दिलचस्पी भी खो दे।
इसलिए आप अलग-अलग लेकिन सेहतमंद और पोषण तत्वों युक्त आहार को इसमें शामिल करें। अपनी रचनात्मकता का प्रयोग कर के आहार को सजाएं ताकि बच्चा इसे खाये बिना न रह पाए।
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बच्चे अक्सर कम पानी पीते हैं लेकिन अपने बच्चे के आहार में पानी, जूस, नारियल पानी, छाछ आदि को भी अवश्य शामिल करें। खाना खाते हुए बीच में बच्ची के पानी न पीने दें क्योंकि खाने के बीच में दूध,पानी या जूस आदि पीने से भूख कम लगती है।
ध्यान रहे बच्चे के आहार में नमक और चीनी की मात्रा कम हो क्योंकि यह दोनों बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकती है। अगर आप बच्चे को जूस पिला रहे हो तो ध्यान रहे कि यह ताज़ा फलों से निकला हुआ जूस ही हो। कैन या पैकेट का जूस उन्हें न दें। इसके साथ ही कोल्डड्रिंक और कोला आदि भी उनके लिए हानिकारक हो सकते हैं।
अगर आप मांस-मछली, अंडे आदि खाते हैं और बच्चे को भी खिलाना चाहते हैं तो आप फ़ूड चार्ट में अपनी इच्छानुसार बदलाव कर सकती हैं। अंडे प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत हैं जो बच्चे के विकास में भी महत्वपूर्ण है। इसी तरह से मांस-मछली से भी बच्चे को उचित पोषक तत्व मिलते हैं।
कहा जाता है कि नाश्ता हमारे आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है। ऐसे में बच्चे को कभी भी बिना नाश्ते के स्कूल न जाने दें। यही नहीं उसका नाश्ता पौष्टिक होना चाहिए। इसके लिए उसके नाश्ते में अनाज, दूध और फलों को अवश्य शामिल करें। सुबह ऐसी चीज़ों को शामिल करें जो जल्दी बन जाए और बच्चा जिसे आसानी से खा सके। क्योंकि स्कूल जाने की जल्दी में बच्चा खाना खाने में अधिक समय न ले।
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फूड चार्ट बनाने के लिए अपने परिवार के हर सदस्य को इसमें शामिल करें। बच्चे की राय लेना भी आवश्यक है। इस फूड चार्ट में बच्चे की पसंद की चीज़ों को भी आप शामिल कर सकती हैं। एक दिन ऐसा रखें जब आप उसे जंक फूड जैसे नूडल्स,पास्ता आदि खिला सकती हैं।
छः साल के बच्चे को एक दिन में कम से कम 1,200 कैलोरी चाहिए होती हैं और अगर आपका बच्चा अधिक सक्रिय रहता है तो उसे 1800 से भी अधिक कैलोरी की आवश्यकता भी हो सकती है। इसलिए फूड चार्ट बनाते हुए इस बात का भी ध्यान रखें। दालें, अनाज, फल, हरी सब्जियां, सलाद, दूध आदि सभी कुछ बच्चे के आहार में उचित मात्रा में होनी चाहिए।
यही नहीं बच्चे को अपने साथ राशन और फल-सब्ज़ियाँ खरीदते हुए अपने साथ ले कर जाएँ। जिससे बच्चे के मन में खरीदी गयी चीज़ों को खाने के प्रति उत्सुकता बढ़ेगी और वो उन्हें खाने में अधिक रूचि दिखायेगा। रसोईघर में भी बच्चे को अपनी मदद करने दें।
आजकल बच्चे लैपटॉप, मोबाइल और कंप्यूटर आदि तक ही सीमित रह गए हैं। बच्चे शारीरिक गतिविधियों में भाग नहीं लेते जिसका प्रभाव उनकी भूख और शरीर पर भी पड़ता है। अपने बच्चे को रोजाना कुछ समय शारीरिक गतिविधियों जैसे खेलकूद आदि अवश्य शामिल करें।
ऐसा करने से न केवल उनके विकास में मदद मिलेगी बल्कि इससे उन्हें भूख भी अच्छे से लगती है इसलिए उन्हें डांसिंग, दौड़ना, जंपिंग, स्विमिंग आदि में ज़रूर प्रोत्साहित करें
माता-पिता अपने बच्चे के लिए फूड चार्ट बनाते हुए ध्यान रखें कि वो केवल एक ही पोषक तत्व की तरफ नहीं बल्कि पूरे पोषण के बारे में सोचना चाहिए। यह उम्र बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद आवश्यक होती है। सबसे ज्यादा ज़रूरी है बच्चे की खाने में रूचि होना।
अगर आपका बच्चा खाने में दिलचस्पी नहीं दिखाता है तो अपने खाने के स्वाद और परोसने के तरीके को बदले। ध्यान रहे बच्चे के साथ खाने को लेकर कोई ज़बरदस्ती न करें क्योंकि ऐसा करने से खाने के प्रति नीरस हो जाएगा।
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