6 महीने के बच्चों को कब क्या खिलाएं?

6 महीने के बच्चों को कब क्या खिलाएं?

बच्चों को ठोस भोजन से परिचित कराने की शुरुआत छह माह के बाद की जाती है। इस समय तक बच्चे का पाचन तंत्र मां के दूध के अतिरिक्त अन्य चीजों को पचाने के लिए तैयार होना शुरु हो जाता है। छह माह के बच्चों के लिए फूड चार्ट (Food Chart for Six Month Baby) तैयार करते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि शुरुआत में तरल प्रदार्थ ही दिया जाए। शुरुआत में अक्सर माताओं को बच्चों को खाना खिलाने में काफी समस्या आती है। लेकिन घबराकर हार मानना सही विकल्प नहीं है। हर किसी के लिए पहली बार नया स्वाद चखना मुश्किल होता है। बच्चे के मन की भावनाओं को समझते हुए थोड़ा धैर्य रखें और धीरे-धीरे कोशिश करते रहें। छह माह के बच्चे का एक आदर्श फूड प्लान कैसा हो इसका एक उदाहरण हम नीचे दे रहे हैं, आशा है आपको पसंद आएगा।

छह माह के बच्चों के लिए फूड चार्ट (6 Month Baby Food Chart in Hindi)

स्तनपान या फॉर्म्यूला मिल्क देने का समय
छह माह के बाद बच्चे को हर तीन से चार घंटे बाद स्तनपान या फॉर्म्यूला फीड कराना चाहिए। मां का दूध बच्चे के लिए एक साल तक जरूरी होता है। आप बच्चे को सुबह सात बजे, ग्यारह बजे, तीन बजे, छह बजे और रात दस बजे दूध दे सकती हैं। कोशिश करें कि बच्चे को दिनभर में कम से कम छह बार दूध अवश्य दे। एक जरूरी बात, जब आप बच्चे को ठोस प्रदार्थों से रूबरू कराना शुरु करें तो दूध देना बिल्कुल भी ना छोडें। दूध देने के बाद खाना ना खिलाएं बल्कि खाने के बाद अगर बच्चा पूरा खाना नहीं खाता तब उसे फीड कराएं। इसे भी पढ़ें: 6 महीने के बच्चे का आहार चार्ट

सुबह के समय क्या दें (Breakfast for Six Month Old Kids in Hindi)

बच्चे को सुबह नौ से दस बजे के करीब आप कुछ खास व्यंजन दे सकते हैं जो बच्चों के लिए अच्छे होते हैं। इस समय सेब या गाजर की प्यूरी, बेबी फूड या दलिया दे सकती हैं। सुबह दस बजे के करीब बच्चे को आप निम्न भोजन दे सकती हैंः
  • सेब की प्यूरीः सेब को हल्का उबालकर मैश कर दीजिए।
  • गाजर की प्यूरीः गाजर को अच्छे से उबालकर उसे मैश कर लीजिएं। गाजर का जूस फेंकना नहीं है।
  • उबले आलूः उबले आलूओं में थोड़ा-सा घी मिलाकर दीजिए ताकि बच्चा अच्छे से उसे निगल सके।
  • गेंहू का दलियाः स्कीम्ड मिल्क में दलिये की खीर बनाकर सुबह खिलाएं। जब दलिया बन जाए तो उसे अच्छी तरह से मैश कर लीजिए। ध्यान रहें खीर में दूध कम ना हो। इसके बाद बच्चे को ग्यारह बजे दूध पिला कर सुला दीजिए। अगला आहार तब दीजिए जब बच्चा जाग जाए।

दिन के समय क्या दें (Lunch Ideas for Six Month Old Baby)

दिन के समय बच्चे को आप सूजी का हलवा या खिचड़ी दे सकती हैं। इस समय आप बच्चे को उबले हुए शकरकंद या नाशपति भी दे सकते हैं। शकरकंद में विटामिन ए, मैग्निशियम आदि पोषक तत्व होते हैं जो बच्चे के विकास के लिए जरूरी हैं। धीरे-धीरे बच्चा जब इन चीजों को पचाने लगे तब दिन में चावल की खिचड़ी, अनार का जूस आदि भी दे सकते हैं। दिन के खाने के बाद फिर से एक घंटे बाद बच्चे को फॉर्म्यूला मिल्क या स्तनपान कराके सुला दें। इसके बाद बच्चे को आपको चार या पांच बजे के करीब कुछ खिलाना चाहिए। इसे भी पढ़ें: बच्चों में दिमागी शक्ति बढ़ाने के 10 मुख्य आहार

शाम को क्या खिलाएं (Food for Kids Below 6 Month in Hindi)

शाम के समय बच्चे को दाल का पानी या सब्जियों का सूप दे सकते हैं। बच्चों के लिए सूप बनाते समय केवल पानी और हल्का नमक डालें। दाल के पानी में शुरुआत में केवल हल्का सा घी डालें और कुछ दिनों के बाद उसमें कुछ दानें दाल की भी मसल कर डाल दें। दाल पचाने में मुश्किल होती है इसलिए इसमें घी मिलाना ना भूलें।

रात के समय (Dinner Item for Kids Below 6 Month)

छह महीने से छोटे बच्चों को रात के समय आप नई चीज देने से बचें। क्योंकि हो सकता है अगर आपने उसे कोई नई चीज खिलाई और उसे वह ना पची तो रात को बच्चा परेशान हो सकता है। रात के समय बच्चे को दाल का पानी, दलिया या बेबी फूड ही दें। इसे भी पढ़ें: प्रोटीन चार्ट 6 माह से 3 वर्ष के बच्चो के लिए

छह माह के बच्चों को खाना (Food for Six Month Old Baby) देते समय निम्न सावधानियां रखना बहुत आवश्यक हैः

  • बच्चे के बर्तन हमेशा गर्म पानी से धोएं।
  • जिस पानी से बच्चे के लिए खाना बनाएं वह शुद्ध होना चाहिए।
  • बाजार से मिलने वाले बेबी फूड के स्थान पर आप घर का बना बेबी फूड भी दे सकती हैं।
  • छह माह से नौ माह के बच्चे को आप अंडा भी दे सकते हैं लेकिन अंडे का केवल सफेद हिस्सा दें। अंडे का पीला हिस्सा निगलने में दिक्कत पैदा कर सकता है इसलिए उसमें हल्की सी दाल
  • मिलाकर कम मात्रा में ही दें। अंडा प्रोटीन से भरा होता है जो शुरु में पचाने में काफी समस्या पैदा करता है।
  • बच्चे को अधिक ठोस भोजन जैसे रोटी या सादे चावल ना दें। चावल को अच्छी तरह से मैश करने के बाद ही दें।
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