पांच साल की उम्र बच्चे के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इस दौरान शिशु न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी तेज़ी से विकसित हो रहा होता है। पांच साल के बच्चे स्कूल जाने और पढ़ाई में भी दिलचस्पी लेना शुरू कर देते हैं यानि उनकी गतिविधियाँ बढ़ जाती हैं। तो चलिए आज जानते हैं कि पांच साल के बच्चे का फूड चार्ट (Food Chart for 5 Year Kids in Hindi) कैसा होना चाहिए।
हालाँकि इस उम्र में बच्चे खाने में पूरी रूचि लेते हैं लेकिन आजकल फास्टफूड के कारण वो घर के खाने में कम दिलचस्पी लेते हैं। जंक फूड और अस्वस्थ भोजन सम्बन्धी आदतों के कारण छोटे बच्चों को डायबिटीज़, अस्थमा, कमज़ोरी जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
पांच साल के बच्चे का भोजन स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि पौष्टिक भी होना चाहिए। ऐसे में पांच साल के बच्चे को क्या खिलाएं और क्या नहीं, इस बारे में जानना बेहद आवश्यक है। जानिए 5 साल के बच्चे का आहार चार्ट (5 Saal Ke Bachhe ka Aahar Chart) की पूरी जानकारी।
बच्चे को पूरे पोषक तत्व मिले इसके लिए आप पूरे हफ्ते का एक चार्ट बना लें। इसमें बच्चे की रूचि के अनुसार चीज़ों को भी शामिल करे। ऐसा करने से आपकी चिंता भी कम हो जायेगी और बच्चे को भी अपनी पसंद का खाने का मिलेगा। यही उसकी आदत बन जायेगी जो पूरी उम्र आपके साथ रहेगी।
नोटः यह एक आदर्श फूड चार्ट है। आप इसमें अपने अनुसार व्यंजनों में बदलाव कर सकती हैं।
नाश्ता | मिड ब्रेकफास्ट | लंच (सलाद के साथ) | स्नैक्स | डिनर (सलाद के साथ) | |
सोमवार | दूध, कॉर्नफ्लेक्स के साथ ड्राई फ्रूट या फल | बादाम कूकीज | एक कटोरी दाल और सब्जी के साथ चावल या रोटी | दूध बिस्कुट | पनीर की भूजिया रोटी के साथ |
मंगलवार | प्लेन डोसा | केला शैक | मेथी परांठा दही या दाल के साथ | दलिया या वेज कटलेट | एक कटोरी दाल और एक रोटी |
बुधवार | पोहा और एक गिलास जूस | एक फल | राजमा या छोले चावल | एक कटोरी हलवा या खीर | मिक्स वेज पुलाव |
गुरुवार | ब्रेड बटर आमलेट या पीनट बटर के साथ | एक कटोरी दलिया या मिल्क शेक | वेज पुलाव या चिकन राइस | एक कटोरी ओट्स | चिकन रोटी या पनीर की सब्जी के साथ रोटी |
शुक्रवार | आलू, गोभी या मिक्स वेज परांठा, दही के साथ | बादाम या किशमिश | दाल चावल सब्जी या रोटी सब्जी और दाल | वेज कटलेट या पकौड़े | सोयाबिन पुलाव या दाल मक्खनी व रोटी |
शनिवार | वेज सैंडविच, दूध या जूस के साथ | मौसमी फल | खिचड़ी दही के साथ | घर का बना बर्गर या सैंडविच | घर का बना हुआ पास्ता, पिज्जा |
रविवार | इडली या मीठा दलिया | मौसमी फल | छोले पुड़ी या पनीर की सब्जी | वेज या चिकन सूप | मसाला डोसा |
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सोमवार (Monday)
नाश्ता- पोहा और दूध
ब्रंच- मौसमी फल
दोपहर का खाना- दही, सब्जी और रोटी
शाम का नाश्ता- बेसल का चीला
रात का खाना- फ्राइड राइस
मंगलवार (Tuesday)
नाश्ता- स्टफ्ड परांठा दही के साथ
ब्रंच- फ्रेश जूस
दोपहर का खाना- दाल और चावल
शाम का नाश्ता- फ्रूट सलाद
रात का खाना- सब्जी के साथ रोटी
बुधवार (Wednesday)
नाश्ता- सैंडविच और जूस
ब्रंच- स्प्राउट्स या कॉर्न्स
दोपहर का खाना- रोटी, सब्जी और दही
शाम का नाश्ता- सूप
रात का खाना- खिचड़ी
गुरुवार (Thursday)
सुबह का नाश्ता- इडली या उत्तपम के साथ सांभर
ब्रंच- बिस्कुट
दोपहर का खाना- फ्राइड राइस
शाम का नाश्ता- होल वीट ब्रेड टोस्ट
रात का खाना- पनीर की सब्जी और रोटी
शुक्रवार (Friday)
सुबह का नाश्ता- वेज रोल और एग रोल के साथ दूध
ब्रंच- एक कप फ्रूट
दोपहर का खाना- मौसमी सब्जी, रोटी और रायता
शाम का नाश्ता- कोई भी फल या स्मूथी
रात का खाना- सब्जी के साथ रोटी
शनिवार (Saturday)
सुबह का नाश्ता- परांठा और सब्जी
ब्रंच- एक कटोरी उपमा
दोपहर का खाना- पुलाव और रायता
शाम का नाश्ता- दलिया
रात का खाना- 1 चपाती, सब्जी और मूंग दाल
रविवार (Sunday)
सुबह का नाश्ता- टोस्ट
ब्रंच- बिस्कुट और केक
दोपहर का खाना- पास्ता और नूडल्स
शाम का नाश्ता- चॉकलेट शेक
रात का खाना- दाल, चावल और रोटी
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अगर आप अपने बच्चे को मांसाहार देना चाहते हैं तो आप इस चार्ट में थोड़ा बदलाव कर सकते हैं जैसे उसे सुबह नाश्ते में आमलेट, उबला हुआ अंडा, चिकन कटलेट या एक चिकन करी दे दें। दोपहर के खाने में दाल के साथ भूनी मछली या रोटी के साथ मटन करी आदि दे सकती हैं।
रात के खाने में एक रोटी के साथ अंडा करी या चिकन फ्राइड राइस आदि आप दे सकती हैं। आप इस लिस्ट को अपनी इच्छा के अनुसार बदल भी सकती हैं। पांच साल का बच्चा खाने में रूचि लेता है, ऐसे में आप उसकी पसंद की चीज़ों को भी इस लिस्ट में शामिल कर सकती हैं।
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रात को सोने से पहले और सुबह बच्चे को दूध और भिगोये हुए बादाम आवश्यक दें ताकि उनका विकास अच्छे से हो और हड्डियाँ भी मजबूत बने। इस उम्र के बच्चों को कैल्शियम की अधिक ज़रूरत होती है। इसलिए उसके आहार में लस्सी, छाछ, दही, मक्खन, पनीर, हरी सब्जियों को अवश्य शामिल करें।
पांच साल का बच्चा स्कूल जाना शुरू कर देता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि वो सुबह नाश्ता करके ही स्कूल जाए। उसे बिना नाश्ता किये न जाने दें। अच्छा नाश्ता पूरा दिन उसे चुस्त बनाये रखेगा और उसका ध्यान भी स्कूल, पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में लगेगा। इसके साथ ही बच्चे के शरीर का वजन बढ़े, इसके लिए भी यह जरूरी है।
ध्यान रखें, जब भी बच्चे को खाना खिलाना हो तो टीवी, मोबाइल या ऐसी कोई चीज़ उसके सामने न हो जिससे उसका ध्यान भटके। ऐसा करने से आपका बच्चा अच्छे से नहीं खा पायेगा। बच्चे का टीवी देखने या खाना खाने का समय निर्धारित करें।
अपने बच्चे को खाना बनाने में अपनी मदद करने दें। उससे टेबल सेट कराएं, खाने को सजाएं या अन्य चीज़ों में उनकी मदद लें। आप उससे आसान डिशेस भी बनवा सकती हैं। अगर बच्चा एक बार परोसा गया खाना खा लेता है तो ऐसे में एक बार खाना खत्म होने पर उसे दोबारा अवश्य पूछे।
बच्चे के लिए खाने को आकर्षक बनाएं। रोज़ाना उसके लिए अलग-अलग व्यंजन बनाएं। अगर आपका बच्चा कोई एक चीज़ खाने के लिए किसी समय मना करता है तो कुछ समय बाद उसे वो खिलाने की कोशिश करें।
सेहतमंद खाने में वो सभी पोषक तत्व होने चाहिए जो बच्चे के विकास, उसकी शिक्षा आदि में मददगार हो। स्कूल जाने वाले बच्चों को पांच चीज़ें देना न भूले- सब्ज़ियाँ, फल, दाले, दुग्ध उत्पाद और प्रोटीन युक्त चीज़ें।
पांच साल के बच्चे को रोज़ाना कम से कम 1000 कैलोरी लेनी चाहिए। उसे रोज एक कटोरी फल, एक कटोरी सब्ज़ियाँ, चार ओंस अनाज, तीन ओंस प्रोटीन के साथ-साथ दो से तीन गिलास दूध या दूध से बनी चीज़ें जैसे लस्सी, छाछ, दही आदि का सेवन करवाना चाहिए।
बच्चे को हल्का और ऐसा खाना खिलाएं जो उसे आसानी से पच जाए। अधिक मिर्च-मसाला या तेल आदि वाले खाने से उसे दूर रखे। हल्के और सादे खाने से वो उर्जावान रहेगा और साथ ही उसका मन भी पढ़ाई में लगेगा। बच्चे के दिमाग के लिए जरूरी चीज़ें जैसे तिल, सोयाबीन आदि को भी उसके आहार में अवश्य शामिल करें।
बच्चों को हायड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है। बच्चे अक्सर कम पानी पीते हैं जिससे न तो उनका पोषण हो पाता हैं व न ही उनका मन पढ़ाई में लगता है। अगर बच्चे पानी नहीं पीते हैं तो उन्हें जूस, नींबू पानी, लस्सी, नारियल पानी आदि पीने को दें। कोल्ड ड्रिंक और अधिक चीनी वाली ड्रिंक आदि से उन्हें दूर रखें।
बच्चों को ऐसी चीज़ें नहीं खानी चाहिए जिसमें अधिक नमक, फैट या चीनी हो। इसके साथ ही उन्हें अधिक कैफीन युक्त ड्रिंक भी न दें। इस उम्र के बच्चे थोड़ी-थोड़ी देर बाद स्नैक्स खाना पसंद करते हैं। बच्चे जो भी खाते हैं, उन्हें अपनी कैलोरी अधिकतर स्कूल जाने से पहले या बाद में खाये नाश्ते से प्राप्त होती है।
इसलिए बच्चे के स्नैक्स को सोच समझ कर चुने ताकि वो अधिक चीनी, नमक या फैट न प्राप्त कर लें। इससे बच्चों की समस्या बढ़ सकती है और कई रोगों का खतरा भी रहता है।
पांच साल के बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी एक्टिव रहते हैं। ऐसे में उन्हें समय-समय पर खिलाना बेहद आवश्यक है। अपने बच्चे के लिए डाइट-चार्ट बनाते हुए उनकी राय लेना न भूलें ताकि बच्चा खाने को लेकर नीरस न हो बल्कि उत्सुक रहे।
कुछ दिनों के बाद आप इस डाइट-चार्ट में भी बदलाव करते रहें। बच्चा अगर अच्छे से खाएंगे तभी उसका विकास अच्छे से होगा और खाने को लेकर उसकी दिलचस्पी बनी रहेगी।
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