चार साल की उम्र में बच्चे का मानसिक और शारीरिक विकास बहुत ही तेज़ी से होता है। इसलिए इस उम्र में बच्चे की अन्य बातों के साथ ही उसके आहार (Food) का भी खास ध्यान रखना पड़ता है। ऐसे में माँ की मुश्किलें बढ़ जाती हैं कि आखिर अपने शिशु के लिए ऐसा क्या बनाया जाए कि वो बच्चे को पसंद आये और उसके आहार में पोषक तत्वों की भी कमी न हो। तो आइये आपकी मुश्किलों को कुछ हद तक कम कर देते हैं। जानिए 4 साल के बच्चे का फूड चार्ट (4 Saal ke Bache Ka Food Chart) और पाएं कुछ अन्य जानकारियाँ।
आप चार साल के बच्चे के लिए उसके खाने का एक फूड चार्ट बना कर रख सकती हैं ताकि बच्चे को अलग-अलग और नयी डिश रोज खाने को मिले व पूरे पोषक तत्व भी प्राप्त हों। साथ ही आपकी “चार साल के बच्चे को क्या खिलाएं”, “आज क्या नया खाना बनाऊं”, “चार साल के बच्चे का आहार चार्ट” आदि समस्याएं कम हो जाएंगी। तो देखें चार साल के बच्चे के लिए एक सैंपल सात दिन का फूड चार्ट (Food Chart for 4 Year Kid in Hindi) जो इस प्रकार है:
रात का खाना – सब्जी और रोटी
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चार साल के बच्चे को दिन में पांच बार कुछ न कुछ खाने को देते रहें। यही नहीं बच्चे को पूरे पोषक तत्व (Nutritional Food) प्राप्त हों इसके लिए उनके आहार में दूध, दही, मेवे, दालें, अनाज, फल आदि सब कुछ शामिल करें। इस उम्र के बच्चे फ़ास्ट फूड की अधिक मांग करते हैं, ऐसे में उन्हें घर का बना भोजन खिलाना बेहद मुश्किल है। यही नहीं बच्चे एक ही तरह के खाने से बहुत जल्दी ऊब जाते हैं और उनकी खाने में रूचि ख़त्म हो जाती हैं।
इस उम्र में बच्चे खुद खाने में भी हिचकिचाते हैं क्योंकि इस उम्र के बच्चे एक जगह अधिक समय तक नहीं बैठना चाहते। ऐसे में वो बैठ कर खुद खाना खाएं, इसकी कल्पना करना भी बेहद मुश्किल है। हालाँकि यही सही उम्र है बच्चों को खाने सम्बन्धी अच्छी आदतें सिखाने की लेकिन ऐसा करना आसान नहीं होता है। बच्चे खुद से खाएं इसके लिए आपको भी थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। जानिए कैसे डालें बच्चों को खुद खाना खाने की आदत।
हालाँकि हर बच्चे की जरूरतें अलग होती हैं और यही नहीं हर बच्चे का विकास भी अलग-अलग तरीके से होता है। इसलिए किन्हीं भी दो बच्चों की तुलना नहीं की जा सकती। चार साल की उम्र का बच्चा बेहद चंचल और शरारती होता है और उसे खाना खिलाना इतना आसान नहीं होता।
इस उम्र में बच्चे के बहुत नखरे होते हैं कि यह नहीं खाना या वो नहीं खाना आदि और तो और छोटे बच्चों को केवल चॉकलेट और जंक फूड ही पसंद आता है, अन्य चीज़ों को तो वे हाथ भी नहीं लगाते। यही नहीं, एक ही तरह के खाने से वो बहुत जल्दी ऊब भी जाते हैं। उन्हें हर दिन नए स्वाद की तलाश होती है। चार साल का बच्चा स्कूल या प्री स्कूल भी जाने लगता है। इसलिए उन्हें रोज़ टिफिन भी देना आवश्यक है।
बच्चों को खुद खाने की आदत डालनी है तो सबसे पहले खाने को इतना आकर्षक बनाए कि बच्चा देखते ही उसको खाने के लिए उतावला हो जाएँ। इस उम्र के बच्चों को रंग बेहद पसंद होते हैं, ऐसे में खाने में भी रंग भरे। मतलब अलग-अलग फल और सब्जियों का उपयोग करके उसके खाने को आकर्षक बना दें। उसके कप, प्लेट, गिलास आदि को भी उसकी पसंद का खरीदें। बाजार में ऐसे कई बर्तन मिलते हैं जिसमें कार्टून, पशु-पक्षी या सुपर हीरोज की तस्वीरें बनी होती हैं। उनका प्रयोग करके भी आप खाने को आकर्षक बना सकती हैं जिसे देख कर बच्चा खुद को खाने से रोक नहीं पायेगा।
एक ही तरह का खाना रोज़ बच्चे को खाने को न दें। आप रोज़ बच्चे को अलग-अलग तरह का ऐसा खाना बना कर दें जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ बच्चे के पसंद का हो, इससे बच्चा खाने से बोर नहीं होगा। आहार में विभिन्नता लाकर भी आप शिशु को खाना खुद खाने के लिए प्रेरित कर सकती हैं।
बच्चे को खेल-खेल में खाना खाने के लिए प्रोत्साहित करें जैसे कोई कहानी, कविता और गाना सुनाएँ। बच्चे को खेल-खेल में आप बहुत कुछ सीखा सकती हैं।
ध्यान रहे जब भी आप बच्चे को खाना खिलाएं या खिलाने के लिए प्रेरित करें, तब घर का माहौल एकदम खुशनुमा होना चाहिए ताकि बच्चे का मूड भी अच्छा बने। मूड अच्छा होगा तो वो आपकी हर बात मानेगा। खाना खाते समय कभी भी गुस्सा न करें या आपका मूड ख़राब नहीं होना चाहिए।
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चार साल का बच्चा प्री-स्कूल जाना शुरू कर देता है। ऐसे में लंच बॉक्स उसके लिए किसी खजाने से कम नहीं होता जिसे वो बहुत ही ज्यादा उत्सुकता से खोलता है। कई बच्चे स्कूल में अन्य बच्चों को देख कर अपना टिफिन ख़त्म कर देते हैं लेकिन अगर बच्चे को खाना पसंद न हो तो वो कुछ भी नहीं खाता। ऐसे में लंच में देने वाला टिफिन का भी रोचक और आकर्षक होना बहुत जरूरी है।
चार साल के बच्चे एक जगह अधिकतर नहीं टिकते, ऐसे में उन्हें भोजन का अधिक इंतज़ार न कराएं। अगर आपका बच्चा अच्छे से नहीं खाता है तब भी निराश न हों। बल्कि सब्र रखें क्योंकि इस उम्र के बच्चों का अच्छे से न खाना बहुत ही आम हैं। बस आप अपनी कोशिशों को बरकरार रखें और अपने बच्चे को खाने की अहमियत समझाएं। आपका बच्चा जल्द ही आपको समझेगा और आहार में दिलचस्पी दिखायेगा।
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