गर्भावस्था का तीसरा माह: लक्षण, बच्चे का विकास, खानपान व देखभाल

गर्भावस्था का तीसरा माह: लक्षण, बच्चे का विकास, खानपान व देखभाल

गर्भावस्था का तीसरा माह (Garbhavastha ka Theesra Mahina) यानी वो समय जब होने वाली माँ को खुद के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु का अधिक ध्यान रखना होता है। गर्भावस्था के तीसरे महीने (Third Month of Pregnancy) से पहली तिमाही ख़त्म हो जाती है और शुरुआत होने वाली होती हैं दूसरी तिमाही की। ऐसा कहा जाता है कि गर्भावस्था के पहले तीन महीने बेहद मुश्किल होते हैं खासतौर पर अगर कोई महिला पहली बार माँ बन रही है तो। इस दौरान उसे अपना खास ख्याल रखना चाहिए। इस समय शिशु का विकास भी बहुत तेज़ी से होने लगता है, जिसे होने वाली माँ महसूस कर सकती है। पाईये गर्भावस्था के तीसरे महीने (3rd month of Pregnancy) के बारे में पूरी जानकारी।

 

शारीरिक समस्याएं (Symptoms and Physical Problems During 3rd Month Pregnancy in Hindi)

तीसरे महीने में आप गर्भ में पल रहे शिशु को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त होती हैं, इसके साथ ही आप आने वाले समय के सपने भी संजोने लगती है। अपने शरीर में एक नन्ही सी जान का पलना आपको उत्साहित कर देता है। लेकिन गर्भावस्था के तीसरे महीने में भी होने वाली माँ की शारीरिक समस्याएं कम नहीं होती बल्कि अधिक बढ़ जाती है क्योंकि आपके गर्भ में शिशु का विकास बहुत तेज़ी से होने लगता है जिसका प्रभाव आपके शरीर पर पड़ता है। जानिए गर्भावस्था के 9वें सप्ताह से 12वें सप्ताह तक मां को होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं कौन-कौन सी हैं।

  • हार्मोन्स में परिवर्तन (Harmonal Changes)

गर्भावस्था के तीसरे महीने तक हार्मोन्स में बहुत अधिक परिवर्तन आ जाता है इसके कारण महिलाओं को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से कई परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।

  • पेट दर्द (Stomach Pain)

तीसरे महीने में शिशु का आकार बढ़ने लगता है और गर्भाशय में खिंचाव के कारण पेट में दर्द होता है इसके साथ ही आप मांसपेशियों में ऐंठन और खिंचाव भी महसूस कर सकती हैं। हार्मोन्स में बदलाव के कारण पीठ में भी दर्द हो सकता है।

  • एसिडिटी (Acidity)

जैसे-जैसे गर्भावस्था के महीने बढ़ते है वैसे-वैसे अधिकतर महिलाओं में ऐसिडिटी की समस्या अधिक बढ़ जाती है क्योंकि खाना अच्छे से नहीं पचता।

  • खान-पान में समस्या (Food)

कई महिलाओं का इस महीने में अधिक खाने का मन करता है तो कुछ महिलाएं कुछ नहीं खा पाती। उन्हें हर चीज़ में बहुत अधिक सुगंध महसूस होती है।

  • पेट सम्बन्धी समस्याएं (Stomach Problem)

कब्ज की समस्या तीसरे महीने में बढ़ जाती है जिससे बचने के लिए गर्भवती महिला को अपने खान-पान का ध्यान रखना चाहिए। गर्भावस्था के तीसरे महीने (Third Month of Pregnancy) में भी ऐसिडिटी की समस्या कम नहीं होती।

  • त्वचा में बदलाव (Changes in Skin)

इस महीने हार्मोन्स में परिवर्तन (Harmonal Changes) के कारण त्वचा रूखी हो जाती है और उसमे खारिश भी हो सकती है। स्ट्रेचमार्क्स भी दिखाई देने लगते हैं।

  • सुस्ती

गर्भावस्था के तीसरे महीने में भी माँ खुद को सुस्त और थका हुआ महसूस करती है ऐसा हार्मोन्स के अंसतुलन और शिशु के विकास के कारण होता है। यही नहीं तीसरे महीने में जी मचलना, उलटी आना, बार-बार बाथरूम जाना जैसी समस्याएं भी पहले से अधिक बढ़ जाती है।

  • चिड़चिड़ापन

हार्मोन्स में हो रहे लगातार परिवर्तन के कारण गर्भवती महिला के स्वभाव में भी परिवर्तन आता है। गुस्सा, चिड़चिड़ापन और किसी से बात न करने का मन करना आदि भी ऐसे में सामान्य है।

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तीसरे महीने में बच्चे का विकास (Fetus Development in 3rd Month in Hindi)

गर्भावस्था के तीसरे महीने में आप शिशु का हिलना-डुलना अभी महसूस नहीं कर सकती लेकिन इस दौरान शिशु का बहुत अधिक विकास हो जाता है यही नहीं वो गर्भ में हिलता भी है। तीसरे महीने के अंत तक आपका बच्चा लगभग 12 -13 सप्ताह का हो जाएगा। जानिए उसमे तीसरे महीने के अंत तक कितना विकास हो जाता है।

  • तीसरे महीने के अंत तक शिशु का आकार एक निम्बू के जितना हो जाता है।
  • इस दौरान उसकी लम्बाई लगभग 2.5 इंच और वजन 25 ग्राम हो सकता है।
  • तीसरे महीने में शिशु की पलके, उँगलियाँ जो दूसरे महीने तक बन चुकी होती हैं वो बढ़ने लगती हैं।
  • शिशु का चेहरा पूरी तरह से आकार ले लेता है और त्वचा भी बनने लगती है।
  • शिशु की गर्दन मजबूत होने लगती है और सिर भी गोल हो जाता है।
  • शिशु का दिल काम करना शुरू कर देता है।
  • इस महीने में शिशु की किडनी और प्रजननांग में भी विकास होने लगता है।
  • गर्भावस्था के तीसरे महीने में शिशु की हड्डियां, घुटने, कोहनियां बनने लगती हैं।

 

जरूरी टेस्ट (Necessary Tests in 3rd Month of Pregnancy)

गर्भावस्था के तीसरे महीने में आपको अपना पेट भारी और थोड़ा बढ़ा हुआ भी लग सकता है। गर्भावस्था के पहले महीने से लेकर हर महीने आपका रेगुलर चैकअप करवाना बेहद आवश्यक है ताकि शिशु का सही विकास हो रहा है या नहीं इस बात का पता लगाया जा सके। जानिए गर्भावस्था के तीसरे महीने में कौन-कौन से टेस्ट जरूरी हैं।

  • रक्तचाप की जाँच

सबसे पहले आपका वजन चेक किया जाएगा इसके साथ ही रक्तचाप भी जांचा जाता है।

  • यूरिन टेस्ट

शुगर और प्रोटीन के लेवल को जांचने के लिए यूरिन टेस्ट कराया जाता है। इससे संक्रमण की जाँच भी की जाती है।

  • ब्लड टेस्ट

खून में हीमोग्लोबिन और अनीमिया का पता लगाने के लिए खून की जाँच कराई होती है।

  • फ्लूइड रिटेंशन टेस्ट

कई महिलाओं को इस दौरान हाथ पैर सूज जाते हैं इसके लिए उनका फ्लूइड रिटेंशन टेस्ट कराया जाता है।

  • 12 वीक या NT स्कैन

तीसरे महीने में कई डॉक्टर NT स्कैन कराने की सलाह देते हैं जिससे शिशु के सिर के पीछे के द्रव को जांचा जाता है ताकि डाउंस सिंड्रोम का पता लगाया जा सके जिसके कारण शिशु का विकास प्रभावित हो सकता है।

 

जरूरी अल्ट्रासाउंड (Essential Ultrasound)

अगर आपने दूसरे महीने में अल्ट्रासाउंड कराया है और सब कुछ सामान्य है तो आपको तीसरे महीने में अल्ट्रासाउंड की ज़रूरत नहीं पड़ती। लेकिन अगर आप फिर भी इसे कराना चाहती हैं तो इससे शिशु के आकार, वजन, लम्बाई आदि के साथ-साथ गर्भाशय में प्लेसेंटा की स्थिति और एमनियोटिक द्रव पैरामीटर का पता लगा सकती हैं। गर्भावस्था के तीसरे महीने के अंत तक शिशु के सही लिंग का पता लगाया जा सकता है लेकिन हमारे देश में ऐसा करना कानूनी अपराध है।

 

क्या खाएं (Diet and Food to Eat in 3rd month Pregnancy)

  • फ़ाइबर युक्त आहार

तीसरे महीने में कब्ज होना बहुत ही सामान्य है ऐसे में फ़ाइबर युक्त आहार खाएं। जितना हो सके अधिक पानी पीएं, जूस, नारियल पानी आदि का सेवन करें। जितना अधिक हो सके फल, सब्जियों, सलाद का सेवन करे।

  • विटामिन

विटामिन भी अभी बेहद आवश्यक है ऐसे में साबुत अनाज, अंडे, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि खूब खाये। इसके साथ ही अपने भोजन में प्रोटीन युक्त आहार को शामिल करें जैसे पनीर, अंडे आदि।

  • आयरन

गर्भावस्था के तीसरे महीने में गर्भ में पल रहे शिशु के अंगों का निर्माण हो रहा होता है इसलिए महिला को आयरन की अधिक आवश्यकता होती है। इसके लिए चुकंदर, ब्रोकोली, हरी सब्जियां, अनाज, दालें आदि अवश्य खाये।

  • कार्बोहाइड्रेट्स

कार्बोहाइड्रेट्स भी आपके और शिशु के विकास के लिए जरूरी है इसलिए कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ जैसे चावल, आलू, बीन्स आदि भी आप खा सकती हैं।

  • कैल्शियम

शिशु की हड्डियों के विकास और अपनी हड्डियों की मजबूती के लिए आपको कैल्शियम की भी ज़रूरत है। इसके लिए दूध और दूध से बने उत्पादों को अपने आहार में शामिल करें जैसे दही, मक्खन, घी, पनीर आदि।

 

क्या न खाएं या करे परहेज (Things not to eat)

  • तला हुआ खाना

गर्भावस्था के तीसरे महीने में आप खाने में कोई भी लापरवाही न करें। केवल पोषक तत्वों का सेवन करें। इसके साथ ही तला भुना और फ़ास्ट फूड आदि से परहेज़ करे।

  • अल्कोहल

शराब, सिगरेट, तम्बाकू जैसे पदार्थ आपके लिए और आपके शिशु के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

  • कैफीन

कैफीन युक्त पदार्थ जैसे चाय या कॉफी भी अधिक मात्रा में न लें।

  • कच्चा मांस

कच्चा मांस और अंडे गर्भ में पल रहे शिशु के लिए हानिकारक हो सकते हैं, इसलिये इनसे भी बचें।

 

सावधानियां (Pregnancy Care Tips During 3rd Month)

गर्भावस्था के तीसरे महीने तक आप कई चीज़ों की आदि हो चुकी होंगी। गर्भावस्था के शुरुआती महीने कुछ मुश्किल भरे हो सकती हैं लेकिन दूसरी तिमाही में यह समस्याएं आपको इतना परेशान नहीं करेंगी। इस दौरान आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि गर्भ में शिशु स्वस्थ रहे और आप भी उसका अच्छे से ख्याल रख सके।

 

  • पूरा आराम करें। अगर आप घर का काम नहीं कर पा रही हैं तो किसी अन्य व्यक्ति की मदद लें।
  • अपनी सोच को सकारात्मक रखें। गर्भावस्था के बारे में किसी भी अफवाह या भ्रम पर विश्वास न करें। ऐसे करने से आप तनाव से बच सकती हैं।
  • पौष्टिक भोजन करे। तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें।
  • डॉक्टर ने जो सप्लीमेंट्स आपको दिए हैं उनका सेवन बिना भूले करें। इसके साथ ही अपनी मर्ज़ी से कोई भी दवाई न लें।
  • डॉक्टर की राय के बाद हल्का व्यायाम या सैर कर सकती हैं।
  • नियमित रूप से डॉक्टर से मिले ताकि आपको जो भी समस्या या परेशानी हो उसका जवाब आप डॉक्टर से पा सके।

 

तीसरे महीने के साथ ही आपकी गर्भावस्था की पहली तिमाही ख़त्म होती है लेकिन आपकी जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। ऐसे में अपने उत्साह को कम न होने दें। अपने होने वाले बच्चे के स्वागत की तैयारियां शुरू कर दें। बच्चों की अच्छी-अच्छी तस्वीरें या पोस्टर अपने कमरे में लगाएं। पहली तिमाही की तरह ही बाकी के महीने भी आसानी से गुजर जाएंगे।

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